भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, और इस बात का प्रमाण हाल ही में Central Depository Services (India) Limited (CDSL) द्वारा जारी आंकड़ों से मिलता है। 30 सितंबर, 2024 तक CDSL ने 13.5 करोड़ से ज़्यादा डीमैट खाते दर्ज किए हैं, जिससे यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का पहला डिपॉजिटरी बन गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय निवेशक शेयर बाजार में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं और देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं।
CDSL एशिया का एकमात्र सूचीबद्ध डिपॉजिटरी है जो निवेशकों को डीमैट खाते खोलने और शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड जैसी प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रखने की सुविधा प्रदान करता है। 1999 में स्थापित, CDSL ने पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से वृद्धि की है और आज यह देश का सबसे बड़ा डिपॉजिटरी है।
CDSL के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह भारतीय निवेशकों के बढ़ते विश्वास और शेयर बाजार में उनकी बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि CDSL निवेशकों को सुरक्षित, पारदर्शी और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
CDSL द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य सेवाएँ:
डीमैट खाता सेवाओं के अलावा, CDSL कई अन्य सेवाएँ भी प्रदान करता है, जैसे:
- KYC सेवाएँ: CDSL निवेशकों के लिए KYC (अपने ग्राहक को जानें) सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करता है।
- e-Voting: CDSL शेयरधारकों को कंपनियों की बैठकों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से वोट देने की सुविधा प्रदान करता है।
- इंश्योरेंस रिपॉजिटरी: CDSL इंश्योरेंस पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा प्रदान करता है।
- NSDL के साथ सहयोग: CDSL, National Securities Depository Limited (NSDL) के साथ मिलकर निवेशकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए काम करता है।
CDSL की भागीदारी:
CDSL की कई सहायक कंपनियां हैं, जो विभिन्न वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती हैं, जैसे:
- CDSL Ventures Limited (CVL): CVL एक टेक्नोलॉजी कंपनी है जो वित्तीय सेवा प्रदाताओं को सॉफ्टवेयर और सेवाएं प्रदान करती है।
- CDSL Insurance Repository Limited (CIRL): CIRL इंश्योरेंस पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा प्रदान करती है।
निवेशकों की बढ़ती संख्या के कारण:
- जागरूकता में वृद्धि: पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार और निवेश के बारे में जागरूकता बढ़ी है। सरकार और नियामक संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- डिजिटलीकरण: डीमैट खाते खोलने की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण होने से यह काफी आसान हो गया है। आज कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही ऑनलाइन डीमैट खाता खोल सकता है।
- नए निवेश विकल्प: म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) जैसे नए निवेश विकल्पों ने भी निवेशकों को आकर्षित किया है।
- टेक्नोलॉजी का प्रयोग: निवेश से जुड़ी जानकारी और सेवाएं अब मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से आसानी से उपलब्ध हैं।
इस उपलब्धि का भारत के लिए क्या महत्व है?
- आर्थिक विकास: शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती संख्या से पूंजी बाजार को मजबूती मिलती है, जिससे कंपनियों को धन जुटाने में मदद मिलती है और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
- रोजगार सृजन: शेयर बाजार से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
- वित्तीय समावेश: अधिक से अधिक लोगों का शेयर बाजार से जुड़ना वित्तीय समावेश को बढ़ावा देता है।
CDSL की यह उपलब्धि भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह देश के तेज़ आर्थिक विकास का संकेत देती है।
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