IDFC First Bank ने शनिवार को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) के नतीजे घोषित किए, जिसमें बैंक का शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अवधि के ₹751.3 करोड़ से 73.3% घटकर ₹200.7 करोड़ रह गया।
बैंक ने Q2 FY25 में ₹1,732 करोड़ का प्रावधान किया है, जिसमें MFI व्यवसाय के लिए ₹315 करोड़ का प्रूडेंट प्रोविजनिंग बफर शामिल है। मुंबई एंट्री पॉइंट पर टोल चार्ज हटाए जाने के कारण बैंक के इंफ्रास्ट्रक्चर ग्राहक को हुए नुकसान के लिए भी प्रावधान किया गया है।
हालांकि, बैंक की ऑपरेटिंग आय में पिछले साल की समान अवधि की ₹5,380 करोड़ से 21% की वृद्धि हुई है और यह ₹6,515 करोड़ रही है। ग्राहक जमा में भी 32.4% की वृद्धि हुई है और यह ₹2,18,026 करोड़ पर पहुंच गया है।
मुख्य बिंदु:
- शुद्ध लाभ: ₹200.7 करोड़ (पिछले साल की समान अवधि में ₹751.3 करोड़)
- ऑपरेटिंग आय: ₹6,515 करोड़ (पिछले साल की समान अवधि में ₹5,380 करोड़)
- ग्राहक जमा: ₹2,18,026 करोड़ (पिछले साल की समान अवधि में ₹1,64,726 करोड़)
- रिटेल जमा: ₹1,75,300 करोड़ (पिछले साल की समान अवधि में ₹1,27,595 करोड़)
- CASA जमा: ₹1,09,292 करोड़ (पिछले साल की समान अवधि में ₹80,137 करोड़)
- CASA अनुपात: 48.9%
विशेषज्ञों की राय और विश्लेषण:
विशेषज्ञों का कहना है कि मुनाफे में गिरावट मुख्य रूप से MFI व्यवसाय और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्राहक से जुड़े प्रावधानों के कारण हुई है। हालांकि, बैंक की ऑपरेटिंग आय और ग्राहक जमा में हुई वृद्धि सकारात्मक है। बैंक के MD और CEO V Vaidyanathan ने कहा है कि बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता स्थिर है और बैंक भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
बैंक के लिए आगे क्या?
IDFC First Bank रिटेल बैंकिंग पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र में तेजी से वृद्धि कर रहा है। बैंक का CASA अनुपात भी बढ़ रहा है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, बैंक को अपने MFI व्यवसाय में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक को अपनी संपत्ति की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है?
निवेशकों को बैंक के प्रदर्शन पर नज़र रखनी चाहिए और बैंक द्वारा भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर ध्यान देना चाहिए। मुनाफे में गिरावट के बावजूद, बैंक की मजबूत वृद्धि और स्थिर संपत्ति की गुणवत्ता इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।